लखनऊ: सरकार विभिन्न नीतियों के माध्यम से शराब का उत्पादन बढ़ाने का निरंतर प्रयास कर रही है, ताकि यूपी को शराब माफिया के प्रभुत्व से मुक्त करके इसे शराब का निर्यातक बनाया जा सके। यूपी जल्द ही अन्य राज्यों को भी शराब उपलब्ध कराएगा। प्रदेश आसवनियों के केंद्र के रूप में उभरने को तैयार है, जिसमें 20,000 करोड़ रुपये निवेश करके 13 नए आसवनी संयंत्र स्थापित किए जा रहे है। पिछले पांच वर्षों में डिस्टलरियों की संख्या तेजी से बढ़ी है। इससे राज्य की शराब उत्पादन क्षमता 170 से बढ़कर 270 करोड़ बल्क लीटर हो गई है। एथेनाल का उत्पादन भी 42 से बढ़कर 115 करोड़ लीटर हो गया है। बरेली और शाहजहांपुर में दो-दो और देवरिया, अमरोहा, रामपुर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर और सीतापुर में एक-एक डिस्टलरी प्लांट स्थापित होंगे।