दोहरी पारिवारिक पेंशन में 7.5 गुना तक की वृद्धि

  • पेंशन की राशि 1, 12,500 रुपये प्रति माह तक हो सकेगी, पहले अधिकतम सीमा थी 15000 रुपये

प्रदेश में नई पारिवारिक पेंशन स्कीम 1965 के तहत दोहरी पारिवारिक पेंशन के लाभों में 7.5 गुना तक की वृद्धि की गई है। इस बारे में अपर मुख्य सचिव, वित्त प्रशांत त्रिवेदी ने शासनादेश जारी कर दिया है। सरकारी सेवारत माता-पिता में दोनों की मौत पर संतान को दो पारिवारिक पेंशन दिए जाने का प्रावधान है। इस पेंशन का लाभ संतान की उम्र 25 साल होने या शादी होने या नौकरी मिलने पर (जो पहले हो) मिलता है। अब तक दोनों पारिवारिक पेंशन का योग 15 हजार रुपये प्रतिमाह से अधिक नहीं हो सकता था, जिसे बढ़ाकर 1,12,500 रुपये प्रति माह तक कर दिया गया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद अब  पारिवारिक पेंशन की दरों को भी संशोधित कर दिया गया है।

तत्काल प्रभाव से लागू, पर एरियर नहीं

यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे। इसमें ऐसे सभी लाभार्थी कवर होंगे, जिन्हें दो पारिवारिक पेंशन अनुमन्य हैं, चाहे दिवंगत सरकारी सेवकों (पति एवं पत्नी) की मृत्यु कभी भी हुई हो।

ऐसे मामले जिनमें दो पारिवारिक पेंशन पूर्व में स्वीकृत हुई थीं, लेकिन इस शासनादेश के जारी होने की तिथि को एक पारिवारिक पेंशन या दोनों पारिवारिक पेंशनें बंद हो चुकी हैं, इन आदेशों के तहत उन मामलों को पुनः नहीं खोला जाएगा। आदेशों के तहत एरियर का भुगतान भी नहीं होगा। भुगतान संबंधित कोषागार स्वतः करेंगे। इसके लिए पेंशन प्राप्तकर्ता से आवेदन की अपेक्षा नहीं की जाएगी।

दोहरी पारिवारिक पेंशन : ऐसे समझें नई व्यवस्था

नए शासनादेश के मुताबिक अगर दोनों पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दरों पर अनुमन्य की गई हों, तो दोहरी पारिवारिक पेंशन का अधिकतम 1,12,500 रुपये प्रति माह (राज्य सरकार के अधीन उच्चतम वेतनमान 225000 रुपये का 50 प्रतिशत) होगा। जहां पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दर पर और दूसरी पारिवारिक पेंशन सामान्य दर पर स्वीकृत की गई हो, वहां भी इतनी ही राशि मिलेगी। जहां दोनों पारिवारिक पेंशनें सामान्य दर पर स्वीकृत की गई हों, वहां उनका योग 67500 रुपये प्रति माह (राज्य सरकार के अधीन उच्चतम वेतन का 30 प्रतिशत) से अधिक नहीं होगा।

पहले यह थी व्यवस्था👇

इससे पूर्व 13 जनवरी, 2016 को ☝जारी शासनादेश में कहा गया था कि दोनों पारिवारिक पेंशन बढ़ी हुई दरों पर स्वीकृत की गई हों, तो योग 15 हजार प्रतिमाह से अधिक नहीं होगा जहां एक पेंशन बढ़ी हुई दर पर और दूसरी सामान्य दर पर स्वीकृत की गई हौं, वहां भी दोनों पारिवारिक पेंशन का योग 15 हजार से अधिक नहीं होगा। जहां दोनों पेंशनें सामान्य दर पर स्वीकृत की गई हों, वहां उनका योग 9 हजार रुपये प्रति माह से अधिक नहीं होगा।