संख्या-06/2022 /आई/154233/2022/फा0नं0-10-19099/141/2021-22

प्रेषक,
                       नील रतन कुमार, 
                       विशेष सचिव, उत्तर प्रदेश शासन।
सेवा में,
                1-    समस्त अपर मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव/सचिव, उत्तर प्रदेश शासन।
                2-    समस्त विभागाध्यक्ष / प्रमुख कार्यालयाध्यक्ष, उत्तर प्रदेश।
                3-    निदेशक, पेंशन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।

वित्त (सामान्य) अनुभाग-3                                                           लखनऊ: दिनांक 07 अप्रैल,2022 

विषय-राज्य सरकार के सेवानिवृत्त/मृत कर्मचारियों/अप्रैल पेंशनरों की अविवाहित/विधवा/तलाकशुदा पुत्रियों को पारिवारिक पेंशन की पात्रता के सम्बन्ध में।

महोदय,

            विषयगत प्रकरण के सम्बन्ध में वित्त विभाग के कार्यालय ज्ञाप संख्या-सा-3-1665/दस-2012-308/97, दिनांक 03 दिसम्बर, 2012, शासनादेश संख्या-1/सा-3-482/दस-2014-308/97, दिनांक 20 मई, 2014 एवं शासनादेश संख्या-6-सा-3-227/दस-2014-308/97, दिनांक 01 जुलाई, 2014 का कृपया सन्दर्भ ग्रहण करने का कष्ट करें।
2-         उपरोक्त आदेशों में से शासनादेश संख्या-6-सा-3-227/दस-2014-308/97, दिनांक 01 जुलाई, 2014 के प्रस्तर-5 में यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसी पुत्रियों, जो सरकारी सेवक/पेंशनर अथवा उसकी पत्नी /पति की मृत्यु की तिथि, जो भी बाद में हो, को तलाकशुदा/विधवा थीं, को पात्रता की अन्य शर्तें पूर्ण करने पर पारिवारिक पेंशन अनुमन्य होगी, परन्तु ऐसी पुत्रियों, जो सरकारी सेवक/पेंशनर, उसकी पत्नी/पति की मृत्यु के उपरान्त तलाकशुदा/विधवा होती हैं, को पारिवारिक पेंशन अनुमन्य नहीं होगी।
3-         तलाकशुदा पुत्रियों को पारिवारिक पेंशन स्वीकृत किये जाने की पात्रता के सम्बन्ध में भारत सरकार, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशभोगी कल्याण विभाग, नई दिल्ली द्वारा निर्गत कार्यालय-ज्ञापन संख्या-1/13/09-पी एंड पी डब्ल्यू (ई), दिनांक 19 जुलाई, 2017 के प्रस्तर-6 में यह स्पष्टीकरण/व्यवस्था दी गयी है कि "ऐसे मामलों में तलाकशुदा पुत्री को कुटुंब पेंशन की स्वीकृति प्रदान की जाए, जहां किसी सरकारी सेवक/पेंशनभोगी या उसकी पत्नी/पति के जीवन काल में तलाक की कार्यवाही सक्षम न्यायालय में दायर कर दी गयी थी और उसकी मृत्यु के उपरान्त तलाक हुआ था- बशर्ते दावाकर्ता केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 के नियम 54 के तहत कुटुंब पेंशन पाने की अन्य सभी शर्तें पूरी करती हो। ऐसे मामलों में कुटुंब पेंशन तलाक की तिथि से आरंभ होगी।" 
4-         भारत सरकार, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय, पेंशन और पेंशभोगी कल्याण विभाग, नई दिल्ली द्वारा निर्गत कार्यालय ज्ञापन दिनांक 19 जुलाई, 2017 दिनांक 19 जुलाई, 2017 में दिये गये उपरोक्त स्पष्टीकरण/व्यवस्था के अनुसरण में मुझे यह कहने का निदेश हुआ है कि ऐसे मामलों में तलाकशुदा पुत्री को पारिवारिक पेंशन की स्वीकृति प्रदान की जाए, जहां राज्य सरकार के किसी सरकारी सेवक/ पेंशनभोगी या उसकी पत्नी/पति के जीवन काल में तलाक की कार्यवाही सक्षम न्यायालय में दायर कर दी गयी थी और उसकी मृत्यु के उपरान्त तलाक हुआ था-बशर्ते दावाकर्ता राज्य सरकार द्वारा निर्धारित पारिवारिक पेंशन की पात्रता की अन्य सभी शर्तें पूरी करती हो। ऐसे मामलों में कुटुंब पेंशन तलाक की तिथि से आरंभ होगी।

                                                                                                                          भवदीय,

                                                                                                                   नील रतन कुमार, 
                                                                                                                     विशेष सचिव।
संख्या व दिनांक उपरोक्तानुसार
        प्रतिलिपि निम्नलिखित को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित: 
1-    महालेखाकार (लेखा व हकदारी), प्रथम/द्वितीय, उत्तर प्रदेश, प्रयागराज।
2-    निदेशक, पेंशन, उत्तर प्रदेश, लखनऊ।
3-    समस्त मण्डलायुक्त / जिलाधिकारी, उत्तर प्रदेश।
4 -   समस्त मण्डलीय अपर निदेशक, कोषागार एवं पेंशन, उत्तर प्रदेश। 
5-    समस्त मुख्य वरिष्ठ कोषाधिकारी, उत्तर प्रदेश।
                                                                                                                    आज्ञा से,       
      
                                                                                                               नील रतन कुमार, 
                                                                                                                  विशेष सचिव।