अस्वीकार नहीं कर सकते पुलिस अधिकारी का साक्ष्य: हाई कोर्ट इलाहाबाद
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गांजा तस्करी के आरोपित को जमानत पर रिहा करने से इन्कार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि एक लोक सेवक का साक्ष्य केवल इस आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता कि वह पुलिस अधिकारी है। न्यायमूर्ति शेखर कुमार यादव ने शंकर वारविक उर्फ विक्रम की जमानत अर्जी को खारिज करते हुए यह टिप्पणी की। याची का कहना था कि गिरफ्तार करने वाले अधिकारियों ने NARCOTIC DRUGS AND PSYCHOTROPIC SUBSTANCES, ACT, 1985 के तहत तलाशी और जब्ती के प्राविधानों का पालन नहीं किया। कथित बरामदगी कार्यवाही में कोई स्वतंत्र गवाह नहीं है। पुलिस की पेट्रोलिंग पार्टी ने एक डंपिंग ट्रक से 1025 किग्रा गांजा बरामद किया था। ट्रक सह अभियुक्त विनोद सिंह चला रहा था, याची ट्रक में बैठा था। बरामद प्रतिबंधित सामग्री के बारे में उसे कोई जानकारी नहीं थी, न ही उसके पास से कोई बरामदगी हुई।