अब यूपी में ही बनेगा हाई परफॉर्मेंस अल्कोहल

  • खत्म होगी चीन पर निर्भरता । 
  • कैबिनेट बैठक में उप्र विश्लेषणात्मक श्रेणी और एचपीएलसी श्रेणी परिशुद्ध अल्कोहल प्रसंस्करण तथा बोतल भराई लाइसेंस नियमावली 2022 को मिली मंजूरी। 

प्रयोगशाला परीक्षण ग्रेड एवं एचपीएलसी (हाई परफॉर्मेंस लिक्विड क्रोमेटोग्राफी) ग्रेड विशुद्ध अल्कोहल अब विदेश से नहीं मंगवाया जाएगा। यूपी की डिस्टिलरियों में ही इसे बनाया जाएगा। इस बाबत तैयार उप्र विश्लेषणात्मक श्रेणी और एचपीएलसी श्रेणी परिशुद्ध अल्कोहल प्रसंस्करण तथा बोतल भराई लाइसेंस नियमावली 2022 को मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में हरी झंडी दे दी गई।यह अल्कोहल प्रयोगशालाओं, दवाओं आदि के परीक्षण में मुख्य रूप से इस्तेमाल होता है। देश मे इसका उत्पादन नहीं होता है और शत प्रतिशत बाहर से आयात किया जाता है। सबसे ज्यादा चीन से इसे मंगाया जाता है। सिर्फ यूपी में ही सालाना पचास लाख लीटर इस अल्कोहल की खपत है। यूपी की डिस्टलरियों में इसे बनाने की क्षमता तो थी, पर इसके उत्पादन के लिए कोई नियमावली नहीं थी। ऐसे में नियमावली तैयार की गई थी जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब यूपी की डिस्टिलरियों में ही इस अल्कोहल को बनाया जायेगा और इसे बाहर से नहीं मंगाया जायेगा। नियमावली के मुख्य प्रावधानों के तहत अल्कोहल स्वयं की आसवनी अथवा अन्य आसवनी से क्रय करने पर 5 रुपये प्रति ली की दर से लाइसेंस फीस लेने की व्यवस्था की गई है। एनालिटिकल ग्रेड एवं एचपीएलसी ग्रेड एब्सोल्यूट अल्कोहल बॉटलिंग पर 11.50 रुपये प्रति लीटर की दर से बॉटलिंग फीस लगेगी। अनुज्ञापन की फीस एक लाख रुपये तथा 10 रुपये प्रति किलोलीटर की दर से प्लांट की क्षमता पर लाइसेंस फीस लगाया जाना प्रस्तावित है।

यूपी प्रदेश का ऐसा पहला राज्य बनेगा जो एचपीएलसी ग्रेड का अल्कोहल बनाएगा। इस अल्कोहल को न सिर्फ यूपी में इस्तेमाल किया जाएगा, बल्कि दूसरे राज्यों को भी दिया जायेगा।  इससे यूपी की आय भी बढ़ेगी।