सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (ए०सी०पी०) अनुमन्य होने पर वेतन निर्धारण

ए०सी०पी० की व्यवस्था

          वेतन समिति (2008) की संस्तुतियों पर लिये गये निर्णयानुसार शासनादेश संख्या-वे0आ0-2-773/ दस- 62(एम)/2008 दिनांक 05 नवम्बर 2014 द्वारा राज्य कर्मचारियों के लिए दिनांक 01 दिसम्बर 2008 से सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (ए०सी०पी०) की व्यवस्था लागू की गयी है। दिनांक 30 नवम्बर, 2008 तक लागू समयमान वेतनमान की व्यवस्था वेतनमान रू0 8000–13500 (दिनांक 01 जनवरी 1996 से लागू वेतनमानों में) से निम्नतर वेतनमान वाले पदों तथा रू० 8000-13500 या इससे अधिक वेतनमान वाले पदों के लिए अलग अलग थी। ए०सी०पी० की व्यवस्था न्यायिक सेवा/ उच्चतर न्यायिक सेवा के अधिकारियों को छोड़कर सभी ग्रेड वेतन वाले पदों पर समान रूप से लागू है। उक्त शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 के प्रस्तर-2 के अनुसार ए०सी०पी० की अनुमन्यता वेतनमान रू0 67000-वार्षिक वेतन वृद्धि 3 प्रतिशत की दर से-79000 (दिनांक 01 जनवरी, 2006 से लागू वेतन संरचना में) तक होगी। साथ ही उक्त शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 प्रस्तर-1(12) में दी गयी व्यवस्थानुसार यदि किसी संवर्ग/पद के सम्बन्ध में समयमान वेतनमान/समयबद्ध आधार पर प्रोन्नति की कोई विशिष्ट व्यवस्था शासनादेशों अथवा सेवा नियमावली के माध्यम से लागू हो तो उस व्यवस्था को भविष्य में बनाये रखने अथवा उसके स्थान पर ए०सी०पी० की व्यवस्था लागू करने के सम्बन्ध में संवर्ग नियंत्रक प्रशासकीय विभाग द्वारा सक्षम स्तर से निर्णय लिया जाये। किसी भी संवर्ग/पद हेतु समयमान वेतनमान/समयबद्ध आधार पर प्रोन्नति की कोई विशिष्ट व्यवस्था तथा ए०सी०पी० की व्यवस्था एक साथ लागू नहीं होगी।

          उक्त शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 द्वारा ए०सी०पी० का लाभ अनुमन्य कराने हेतु उक्त व्यवस्था लागू होने की तिथि दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को पदासीन कार्मिकों को दो श्रेणी में विभक्त किया गया है :-

(1)      पद के साधारण वेतनमान में कार्यरत (सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त अथवा एक या  एक से अधिक पदोन्नति प्राप्त) इसका तात्पर्य यह है कि कार्मिक जिस पद पर तैनात है उसी पद का वेतन पा रहा है एवं उसे उस पद के सन्दर्भ में समयमान वेतनमान के अन्तर्गत प्रथम या द्वितीय प्रोन्नतीय / अगला वेतनमान नहीं मिल रहा है।

(2)     वैयक्तिक वेतनमान में कार्यरत- इसका तात्पर्य यह है कि कार्मिक जिस पद पर  तैनात है, उस पद के सन्दर्भ में उसे प्रथम या द्वितीय प्रोन्नतीय/अगला वेतनमान अनुमन्य हो चुका है।

          उक्त शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर 2014 के प्रस्तर-2 के अनुसार वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य होने वाला ग्रेड वेतन शासनादेश संख्या वे0आ0-2-1318 /दस-59(एम)/2008 दिनांक 08 दिसम्बर, 2008 के संलग्नक-2अ पर उपलब्ध तालिका के स्तम्भ-6 के अनुसार अनुमन्यता की तिथि से पूर्व प्राप्त हो रहे ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन होगा। इसमें ग्रेड वेतन 2000 को इग्नोर किये जाने की व्यवस्था है अर्थात् ग्रेड वेतन 1900 के पदधारक को प्रथम ए०सी०पी० के रूप में ग्रेड वेतन 2400 देय होगा।

दिनांक 01-12-2008 को पद के साधारण वेतनमान में कार्यरत कार्मिकों हेतु वित्तीय स्तरोन्नयन की व्यवस्थाः- (प्रस्तर - 1(3))

(क)     दिनांक 01 दिसम्बर 2008 को पद के साधारण वेतनमान में कार्यरत एवं उक्त तिथि के पश्चात् प्रदेश सरकार की सेवा में कार्यभार ग्रहण करने वाले कार्मिकों   को प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन उक्त पद पर 10 वर्ष की नियमित एवं निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने पर देय होगा।

(ख)    उपर्युक्त श्रेणी के कार्मिकों को प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य ग्रेड वेतन में 06 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण कर लेने पर द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन देय होगा।

          जिन्हें प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन 10 वर्ष से अधिक की सेवा पर दिनांक 01 दिसम्बर 2008 से अनुमन्य हुआ है, उन्हें द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन उक्त पद पर कुल 16 वर्ष की सेवा पर देय होगा, भले ही दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के बाद सम्बन्धित कार्मिक की सेवाएं 06 वर्ष पूर्ण न हुयी हों अथवा वह समान ग्रेड वेतन में पदोन्नत हो चुका हो। (उदाहरण (i))

          यदि उक्त पदधारक की प्रोन्नति प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने के पूर्व दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पश्चात् होती है तो उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन प्रोन्नति की तिथि से 06 वर्ष की सेवा पूर्ण करने पर देय होगा। (उदाहरण (ii))

          यदि उसकी प्रोन्नति प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने के पश्चात् होती है तो उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन, प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने के दिनांक से 06 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पर देय होगा (उदाहरण (iii))

उदाहरण (i) किसी कार्मिक की सीधी भर्ती से नियमित नियुक्ति 02 जनवरी, 1995 को हुयी। समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत उसे पदोन्नतीय/अगला वेतनमान अनुमन्य नहीं हुआ। ए०सी०पी० की व्यवस्था उसे प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन 10 वर्ष से अधिक की सन्तोषजनक सेवा पर दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से अनुमन्य हुआ। उसकी 16 वर्ष की कुल सेवा दिनांक 02 जनवरी, 2011 को पूर्ण हो रही हैं। ऐसी स्थिति में उपर्युक्त व्यवस्था के अनुसार उसे अनवरत सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने की स्थिति में 02 जनवरी 2011 से द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन देय होगा, यद्यपि दिनांक 02 जनवरी 2011 को उसकी सेवायें प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने के दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 से 06 वर्ष पूर्ण नहीं हो रही हैं।

उदाहरण (ii) किसी कार्मिक की सीधी भर्ती से नियमित नियुक्ति 05 मार्च, 2000 को हुयी। 10 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पूर्व एवं दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पश्चात् उसकी प्रथम पदोन्नति दिनांक 05 फरवरी, 2009 को हो जाती है तो उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन दिनांक 05 फरवरी, 2009 से 06 वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने के दिनांक 05 फरवरी, 2015 से देय होगा।

उदाहरण (iii) किसी कार्मिक की सीधी भर्ती से नियमित नियुक्ति 05 मार्च, 2000 को हुयी। 10 वर्ष की अनवरत सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने के दिनांक 05 मार्च, 2010 से प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन स्वीकृत किया गया। इसके पश्चात् उसकी प्रथम पदोन्नति दिनांक 02 जून, 2012 को हो जाती तो उसे द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन दिनांक 05 मार्च, 2010 से 06 वर्ष की अनवरत सन्तोषजनक सेवा पूर्ण करने के दिनांक 05 मार्च, 2016 से देय होगा।

(ग)      उपर्युक्त श्रेणी के कार्मिकों को तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन, द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य ग्रेड वेतन में 10 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा अथवा उक्त पद के सन्दर्भ में कुल 28 वर्ष की निरन्तर सन्तोषजनक सेवा पूर्ण कर लेने पर देय होगा।

दिनांक 01.12.2008 को वैयक्तिक वेतनमान में कार्यरत कार्मिकों हेतु वित्तीय स्तरोन्नयन की व्यवस्था: -

(प्रस्तर - 4)

          ऐसे कार्मिक जो दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 को समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत कोई लाभ वैयक्तिक रूप से प्राप्त कर रहे हैं अथवा उक्त लाभ प्राप्त करने के उपरान्त उनकी वास्तविक पदोन्नति निम्न वेतनमान में होती है अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 के पश्चात् उसी वेतनमान/उच्च वेतनमान में होती है तो ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत देय लाभ दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 अथवा उसके उपरान्त निम्नानुसार अनुमन्य होंगे:-

(i)       समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत 08 वर्ष तथा 19 वर्ष के आधार पर अनुमन्य अतिरिक्त वेतनवृद्धि को ए०सी०पी० के अन्तर्गत देय वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु संज्ञान में नहीं लिया जायेगा।

(ii)       जिन्हें समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में 05/08/14 वर्ष की सेवा के आधार पर प्रथम वैयक्तिक उच्च वेतनमान प्राप्त हो रहा है, उन्हें उक्त लाभ अनुमन्य होने की तिथि से न्यूनतम 02 वर्ष की सेवा सहित कुल 16 वर्ष की सेवा पूर्ण करने की तिथि अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 जो भी बाद में हो, से द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन (समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था के अन्तर्गत स्वीकृत प्रथम पदोन्नतीय/अगले वेतनमान को प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के समतुल्य मानते हुए) अनुमन्य होगा। ऐसे पदधारक जिनकी पदोन्नति उपर्युक्तानुसार समयमान वेतनमान का लाभ प्राप्त करने के बाद दिनांक 01   दिसम्बर, 2008 के पश्चात् समान/उच्च वेतनमान (सदृश वेतन बैण्ड एवं  ग्रेड वेतन) में हो जाती है तो द्वितीय ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु ऐसी पदोन्नति का संज्ञान नहीं लिया जायेगा और द्वितीय ए०सी०पी० के रूप में वर्तमान में प्राप्त हो रहे ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन देय होगा।

(iii)      जिन्हें समयमान वेतनमान की पूर्व व्यवस्था में 14/16/ 18 / 24 वर्ष की सेवा के आधार पर द्वितीय वैयक्तिक वेतनमान प्राप्त हो रहा है उन्हें उक्त लाभ अनुमन्य होने की तिथि से न्यूनतम 02 वर्ष की सेवा सहित कुल 26 वर्ष की सेवा पूर्ण   करने की तिथि अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 जो भी बाद में हो, से तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होगा। ऐसे पदधारक जिनकी पदोन्नति उपर्युक्त लाभ प्राप्त करने के उपरान्त निम्न वेतनमान में अथवा दिनांक 01  दिसम्बर, 2008 के पश्चात् समान/उच्च वेतनमान (सदृश वेतन बैण्ड एवं ग्रेड वेतन) में हो जाती है तो तृतीय ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु ऐसी पदोन्नति का संज्ञान नहीं लिया जायेगा और उसे अनुमन्यता की तिथि को प्राप्त  हो रहे ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन देय होगा।

अन्य महत्वपूर्ण प्रावधान (शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014):-

(1)      किसी कार्मिक द्वारा प्रदेश के अन्य राजकीय विभागों में समान वेतनमान / ग्रेड वेतन में की गयी नियमित सेवा को वित्तीय स्तरोन्नयन के लिए गणना में लिया जायेगा परन्तु केन्द्र सरकार/स्थानीय निकाय/स्वशासी संस्था/सार्वजनिक उपक्रम एवं निगम में की गयी पूर्व सेवा को वित्तीय स्तरोन्नयन के लिए गणना में नहीं लिया जायेगा। (प्रस्तर-1(9) तथा 1(10))

(2)     ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन हेतु नियमित सन्तोषजनक सेवा की गणना में प्रतिनियुक्ति/बाह्य सेवा, अध्ययन अवकाश तथा सक्षम स्तर से स्वीकृत सभी प्रकार के अवकाश की अवधि को सम्मिलित  किया जायेगा। (प्रस्तर-1(11) तथा शासनादेश संख्या-22/2016/वे0-आ0-2-282/ दस-62(एम)/2008 टी०सी० दिनांक 30 मार्च, 2016)

(3)     ए०सी०पी० की व्यवस्था लागू होने के पश्चात् सीधी भर्ती के पद पर नियुक्त पदधारक की सीधी भर्ती के पद से प्रथम पदोन्नति होने के उपरान्त केवल द्वितीय एवं तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन तथा द्वितीय पदोन्नति प्राप्त होने के उपरान्त केवल तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ ही देय रह जायेगा। तीसरी पदोन्नति प्राप्त होने  के पश्चात् किसी भी दशा में वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ अनुमन्य न होगा। (प्रस्तर-1(7))

(4)     पुनरीक्षित वेतन संरचना में एक ही संवर्ग में समान ग्रेड वेतन वाले पद पर पदोन्नति होने पर उसे भी वित्तीय स्तरोन्नयन माना जायेगा। (प्रस्तर-1 (8)) (5) सन्तोषजनक सेवा पूर्ण न होने के कारण यदि किसी कार्मिक को वित्तीय  स्तरोन्नयन विलम्ब से प्राप्त होता है तो उसका प्रभाव आने वाले अगले सभी वित्तीय स्तरोन्नयन पर भी पड़ेगा। अर्थात् अगले वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु निर्धारित अवधि की गणना में उतनी अवधि बढ़ा दी जायेगी जितनी अवधि पूर्व वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त होने की गणना में नहीं ली गयी है। (प्रस्तर-1(4))

(6)     किसी संवर्ग/पद पर निर्धारित सेवावधि पर अनुमन्य किये गये नान- फंक्शनल वैयक्तिक वेतनमान को इग्नोर करते हुए ए०सी०पी० का लाभ देय होगा। वर्तमान में प्रदेश में केवल फार्मासिस्ट ग्रेड वेतन 2800 के पद पर दो वर्ष की सेवा पर नान- फंक्शनल वेतनमान के रूप में ग्रेड वेतन रू0 4200 देय है। फार्मासिस्ट के पद पर 10 वर्ष की नियमित सन्तोषजनक सेवा पूर्ण होने पर उसे प्रथम  वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में (ग्रेड वेतन रू0 4200/- जो उसे नान फंक्शनल वेतनमान के रूप में प्राप्त हुआ है, को इग्नोर करते हुए) ग्रेड वेतन रू0 4600/- देय होगा। (प्रस्तर- 1 (5)

(7)     किसी पद का वेतनमान / ग्रेड वेतन किसी समय बिन्दु पर उच्चीकृत होने की स्थिति में वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु सेवावधि की गणना में पूर्व वेतनमान / ग्रेड वेतन तथा उच्चीकृत वेतनमान / ग्रेड वेतन में की गयी सेवाओं को जोड़कर उच्चीकृत ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य होगा।

         ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होने के उपरान्त यदि उस पद (जिसके सन्दर्भ में उसे उक्त वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य हुआ है) का वेतन बैण्ड / ग्रेड वेतन उच्चीकृत होता है तो उसे ऐसे उच्चीकरण की तिथि से वित्तीय स्तरोन्नयन प्राप्त कार्मिक का वेतन बैण्ड / ग्रेड वेतन भी तदनुसार उच्चीकृत हो जायेगा।

          परन्तु किसी पद का ग्रेड वेतन निम्नीकृत (Downgrade) होने के फलस्वरूप यदि सम्बन्धित पद पर पूर्व से कार्यरत कार्मिकों को पद का पूर्व उच्च   ग्रेड वेतन वैयक्तिक रूप से अनुमन्य किया गया हो तो उन्हें ए०सी०पी० की    व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में उक्तानुसार वैयक्तिक रूप से अनुमन्य ग्रेड वेतन का अगला ग्रेड वेतन वैयक्तिक रूप से देय होगा।

         ऐसे पद पर पूर्व से कार्यरत कार्मिक को यदि कोई वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य हो चुका है तो उसे प्राप्त हो रहे ग्रेड वेतन को निम्नीकृत नही किया जायेगा इसके उपरान्त अगला वित्तीय स्तरोन्नयन देय होने पर उसे प्राप्त हो रहे वैयक्तिक  ग्रेड वेतन से अगला ग्रेड वेतन देय होगा।

उदाहरण (iv) :- दिनांक 01 जनवरी, 2006 से सचिवालय में समीक्षा अधिकारी के पद का ग्रेड वेतन रू0 4600/- था। ए०सी०पी० की व्यवस्था में 10 वर्ष की सेवा पर समीक्षा अधिकारी के पद पर प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रू 4800/- देय था। दिनांक 22 दिसम्बर 2011 से समीक्षा अधिकारी के पद का ग्रेड वेतन उच्चीकृत होकर रू 4800/- हो गया। ऐसे समीक्षा अधिकारी जिन्हे दिनांक 22 दिसम्बर, 2011 के पूर्व प्रथम वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रू0 4800/- अनुमन्य हो चुका था उनका ग्रेड वेतन दिनांक 22 दिसम्बर, 2011 से उच्चीकृत कर दिया जायेगा। इस उच्चीकरण के फलस्वरूप वेतन निर्धारण में केवल उच्चीकृत ग्रेड वेतन रू0 5400 का लाभ देय होगा, वेतनवृद्धि देय नहीं होगी, क्योंकि वेतनवृद्धि का लाभ वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में ग्रेड वेतन रू0 4800/- अनुमन्य होने पर दिया जा चुका है। (प्रस्तर -1(6))

(8)     यदि कोई सरकारी सेवक वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु अर्ह होने के पूर्व ही उसे दी जा रही नियमित पदोन्नति लेने से मना करता है तो उस सरकारी सेवक को अनुमन्य उस वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ नहीं दिया जायेगा। यदि  वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य कराये जाने के पश्चात् सम्बन्धित सरकारी सेवक द्वारा नियमित प्रोन्नति लेने से मना किया जाता है तो सम्बन्धित सरकारी सेवक को अनुमन्य किया गया वित्तीय स्तरोन्नयन वापस नहीं लिया जायेगा, तथापि ऐसे सरकारी सेवक को अगले वित्तीय स्तरोन्नयन की अनुमन्यता हेतु तब तक अर्हता के क्षेत्र में सम्मिलित नहीं किया जायेगा जब तक कि वह प्रोन्नति लेने हेतु सहमत न हो जाये। उक्त स्थिति में अगले वित्तीय स्तरोन्नयन की देयता हेतु समयावधि की गणना में पदोन्नति लेने से मना करने तथा पदोन्नति हेतु सहमति दिये जाने के मध्य की अवधि को सम्मिलित नहीं किया जायेगा। (प्रस्तर - 1(16))

(9)     यदि किसी कर्मचारी के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही/आपराधिक कार्यवाही प्रचलन में हो तो ए०सी०पी० की व्यवस्था के अन्तर्गत वित्तीय स्तरोन्नयन के लाभ की अनुमन्यता अन्तिम रूप से निर्णय होने तक स्थगित रहेगी। अन्तिम निर्णय के उपरान्त निर्दोष पाये जाने की दशा में अनुमन्यता के दिनांक से वित्तीय स्तरोन्नयन का लाभ देय होगा परन्तु दोषी पाये जाने की दशा में स्कीनिंग कमेटी द्वारा कार्मिक को दिये गये दण्ड पर विचारोपरान्त देयता के सम्बन्ध में संस्तुति की जायेगी। स्क्रीनिंग कमेटी की संस्तुतियों पर नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा निर्णय लिया जायेगा। (प्रस्तर - 1 (14))

(10)    इस योजना के अन्तर्गत प्राप्त वित्तीय स्तरोन्नयन पूर्णतया वैयक्तिक है और इसका कर्मचारी की वरिष्ठता से कोई सम्बन्ध नहीं है। कोई कनिष्ठ कर्मचारी इस व्यवस्था के अन्तर्गत उच्च वेतन/ग्रेड वेतन प्राप्त करता है,तो वरिष्ठ कर्मचारी इस  आधार पर उच्च वेतन/ग्रेड वेतन की मांग नहीं करेगा कि उससे कनिष्ठ कर्मचारी को अधिक वेतन/ग्रेड वेतन प्राप्त हो रहा है। (प्रस्तर-1 (15))

    शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 में उपर्युक्तानुसार प्रावधान होने के बावजूद भी उक्त शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 एवं शासनादेश   संख्या 20/2016/वे0आ0-2-398/दस-2016-62(एम)/2008- टी०सी०-1 दिनांक 29 मार्च, 2016 में कुछ प्रावधानों/उदाहरणों के द्वारा कतिपय स्थितियों में ए०सी०पी० की अनुमन्यता के फलस्वरूप वरिष्ठ कार्मिक का वेतन कनिष्ठ कार्मिक से कम हो जाने पर उसे कनिष्ठ कार्मिक के वेतन के    बराबर किये जाने की व्यवस्था की गयी थी। इस सम्बन्ध में शासनादेश संख्या 5/2020/वे0आ0-2-550/दस-2020-62 (एम) /2008 टी०सी०- 1 दिनांक 29 सितम्बर, 2020 द्वारा निर्गत स्पष्टीकरण के अनुसार इन सन्दर्भित शासनादेशों में उल्लिखित वरिष्ठ कार्मिक का वेतन कनिष्ठ कार्मिक के बराबर किये जाने सम्बन्धी प्रावधानों/उदाहरणों को संज्ञान में नहीं लिया जाना है और  वरिष्ठ कार्मिक का वेतन कनिष्ठ कार्मिक के वेतन के बराबर नहीं किया जाना है।

ए०सी०पी० की विशेष व्यवस्था

(1)              शासनादेश संख्या-50/2015-वे0आ0-2-871/दस-62(एम) 2008 दिनांक 26 अगस्त, 2015 

(2)             शासनादेश संख्या-8/2015-वे0आ0-2-19/दस-62/2008 टी0सी0-1 दिनांक 03 मार्च, 2015

कतिपय कार्मिकों को शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 में दी गयी व्यवस्थानुसार सीधी भर्ती के पद पर प्रथम नियुक्ति की तिथि से 16 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बावजूद दूसरे वित्तीय स्तरोन्नयन के समतुल्य ग्रेड वेतन अथवा 26 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के बावजूद तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन के समतुल्य ग्रेड वेतन अनुमन्य नहीं हो पाता है, उनके लिए विशिष्ट व्यवस्था उक्त शासनादेशों द्वारा निम्नानुसार की गयी है :-

(क)     शासनादेश दिनांक 26 अगस्त,2015 के अनुसार ऐसे पदधारक जिन्हें शासनादेश दिनाक 05 नवम्बर, 2014 में निहित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के कारण सीधी भर्ती के पद पर प्रथम नियुक्ति की तिथि से 16 वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण होने के बावजूद सीधी भर्ती के पद पर अनुमन्य ग्रेड वेतन से दूसरे वित्तीय स्तरोन्नयन के समतुल्य ग्रेड वेतन वास्तविक पदोन्नति/समयमान वेतनमान/ ए०सी०पी० अनुमन्य होने के बावजूद नहीं मिल पाया है, उन्हें सीधी भर्ती के पद पर नियमित नियुक्ति होने की तिथि से 16 वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पूर्ण होने अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 जो भी बाद में हो, से सीधी भर्ती के पद के ग्रेड वेतन से दूसरा उच्च ग्रेड वेतन (शासनादेश दिनांक 08-12-2008 के संलग्नक-2अ के अनुसार) द्वितीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में स्वीकृत किया जायेगा।

               यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि शासनादेश दिनांक 26 अगस्त, 2015 सभी कार्मिकों पर नहीं लागू है।यह शासनादेश केवल उन्ही कार्मिकों पर लागू है जिन्हें सीधी भर्ती के पद पर 16 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर भी सीधी   भर्ती के पद के सदृश ग्रेड वेतन से दो अगला ग्रेड वेतन अनुमन्य नहीं हुआ हो। उदाहरणार्थ- यदि किसी लेखाकार (सीधी भर्ती के पद का सदृश ग्रेड वेतन रू0 4200/-) को 14 वर्षीय पदोन्नतीय वेतनमान (सदृश ग्रेड वेतन रू0  4800 /-) अनुमन्य हुआ हो तो उस पर शासनादेश दिनांक 26 अगस्त, 2015 लागू  नहीं होगा क्योंकि इस कार्मिक  को 16 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पूर्व ही सीधी  भर्ती के पद (लेखाकार) के सदृश ग्रेड वेतन रू0 4200/- से अगला ग्रेड वेतन (प्रथम - 4600, द्वितीय- 4800) मिल चुका है। ऐसे कार्मिक को शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 में निहित व्यवस्था के अनुसार लाभ अनुमन्य होगा।

(ख)          शासनादेश दिनांक 03 मार्च, 2015 के अनुसार ऐसे पदधारक जिन्हे शासनादेश दिनाक 05 नवम्बर, 2014 में निहित शर्तों एवं प्रतिबन्धों के कारण सीधी भर्ती के पद पर प्रथम नियुक्ति की तिथि से 26 वर्ष की नियमित सेवा पूर्ण होने के बावजूद सीधी भर्ती के पद पर अनुमन्य ग्रेड वेतन से तीसरे वित्तीय स्तरोन्नयन के समतुल्य ग्रेड वेतन वास्तविक पदोन्नति / समयमान वेतनमान / ए०सी०पी० अनुमन्य होने के बावजूद नहीं मिल पाया है, उन्हें सीधी भर्ती के पद पर नियमित नियुक्ति होने की तिथि से 26 वर्ष की सन्तोषजनक सेवा पूर्ण होने अथवा दिनांक 01 दिसम्बर, 2008 जो भी बाद में हो, से सीधी भर्ती के पद के ग्रेड वेतन से तीसरा उच्च ग्रेड वेतन (शासनादेश दिनांक 08-12-2008 के संलग्नक-2 अ के अनुसार) तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में स्वीकृत किया जायेगा।

     शासनादेश दिनांक 03 मार्च, 2015 भी सभी कार्मिकों पर नहीं लागू है। यह शासनादेश केवल उन्ही कार्मिकों पर लागू है, जिन्हें सीधी भर्ती के पद पर 26 वर्ष की सेवा पूर्ण होने पर भी सीधी भर्ती के पद के सदृश ग्रेड वेतन से तीन अगला ग्रेड वेतन अनुमन्य नहीं हुआ हो। उदाहरणार्थ- यदि किसी लेखाकार (पद का सदृश ग्रेड वेतन रू0 4200) को 14 वर्षीय प्रथम वैयक्तिक पदोन्नतीय वेतनमान (सदृश ग्रेड वेतन रू0 4800) एवं 24 वर्षीय द्वितीय वैयक्तिक पदोन्नतीय वेतनमान (सदृश ग्रेड वेतन रू0 5400) अनुमन्य हुआ हो तो उस पर शासनादेश दिनांक 03 मार्च, 2015 लागू नहीं होगा क्योंकि इस कार्मिक को 26 वर्ष की सेवा पूर्ण करने के पूर्व ही सीधी भर्ती के पद (लेखाकार) के सदृश ग्रेड वेतन रू० 4200/- से तीन अगला ग्रेड वेतन (प्रथम-4600, द्वितीय- 4800 एवं तृतीय- 5400) मिल चुका है। ऐसे कार्मिक को शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 में निहित व्यवस्था के अनुसार लाभ अनुमन्य होंगे।

टिप्पणी-    शासनादेश संख्या 20/ 2016/ वे0आ0-2-398 / दस-2016-62 (एम)/2008-टी०सी०-1 दिनांक 29 मार्च, 2016 द्वारा निर्गत स्पष्टीकरण के अनुसार शासनादेश दिनांक 26 अगस्त, 2015 एवं शासनादेश दिनांक 03 मार्च, 2015 की व्यवस्थानुसार सीधी भर्ती के पद से क्रमशः 16 वर्ष एवं 26 वर्ष की सेवा पर द्वितीय एवं तृतीय वित्तीय स्तरोन्नयन दिये जाने हेतु सीधी भर्ती के पद के ग्रेड वेतन से दूसरे एवं तीसरे ग्रेड वेतन के निर्धारण में भी शासनादेश संख्या वे०आ0-2- 1318/दस- 59 (एम)/2008 दिनांक 08 दिसम्बर, 2008 के संलग्नक 2अ पर उपलब्ध तालिका के स्तम्भ-6 में दी गयी ग्रेड वेतन की सूची में से ग्रेड वेतन 2000 को इग्नोर किया जायेगा।

 ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु मापदण्ड :-

जैसा कि पूर्व के प्रस्तरों में उल्लेख किया गया है, शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 में ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु नियमित निरन्तर एवं सन्तोषजनक सेवा का मापदण्ड निर्धारित किया गया है। शासनादेश संख्या-वे0आ0-2-373/दस-2019/62(एम)/2008 टी०सी-1 दिनांक 04 जुलाई, 2019 द्वारा इस सम्बन्ध में आंशिक संशोधन करते हुए प्रावधान किया गया है कि पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स (दिनांक 01 जनवरी, 2016 से प्रभावी) में ए०सी०पी० की अनुमन्यता हेतु सेवा का मापदण्ड वह होगा जो वेतन मैट्रिक्स में उस लेवल के पद के लिए पदोन्नति हेतु निर्धारित है जिस लेवल की प्रथम अथवा द्वितीय अथवा तृतीय ए०सी०पी० अनुमन्य किया जाना विचारणीय है।

ए०सी०पी० अनुमन्य होने पर एवं ए०सी०पी० अनुमन्य होने के पश्चात् पदोन्नति होने पर वेतन निर्धारण :-

(शासनदेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 का प्रस्तर -5 एवं संलग्नक -2)

          वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होने पर सम्बन्धित कार्मिक का वेतन निर्धारण वित्तीय नियम संग्रह खंड-2 भाग-2 से 4 के मूल नियम 22 बी (1) के अनुसार किया जायेगा। इस सम्बन्ध में सम्बन्धित कार्मिक को मूल नियम 23 (1) के अर्न्तर्गत यह विकल्प होगा कि वह वित्तीय स्तरोन्नयन अनुमन्य होने की तिथि अथवा अगली वेतन वृद्धि की तिथि से मूल नियम 22बी (1) के  अन्तर्गत वेतन निर्धारण करवा सकता है।

          उक्त से स्पष्ट है कि ए०सी०पी० अनुमन्य होने पर वेतन निर्धारण की प्रक्रिया कार्मिक के उच्चतर दायित्व वाले पद पर पदोन्नति होने पर अपनायी जाने वाली वेतन निर्धारण की प्रक्रिया के पूर्णतया समान है। अतएव ए०सी०पी० अनुमन्य होने पर सम्बन्धित कार्मिक द्वारा मूल नियम 22बी (1) अन्तर्गत वेतन निर्धारण हेतु दिये गये विकल्प (ए०सी०पी० अनुमन्यता की तिथि अथवा अगली वेतन वृद्धि की तिथि) के अनुसार वेतन निर्धारण एवं इसके पश्चात् देय अगली वेतन वृद्धि के सम्बन्ध में पदोन्नति पर वेतन निर्धारण सम्बन्धी उदाहरण-2 एवं 3 अवलोकनीय हैं।

          ए०सी०पी० अनुमन्य होने के पश्चात् कार्मिक की उसी ग्रेड वेतन, जो उसे वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में अनुमन्य हुआ है, में नियमित पदोन्नति होने पर कोई वेतन निर्धारण नहीं किया जायेगा, परन्तु यदि पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन वित्तीय स्तरोन्नयन के रूप में प्राप्त ग्रेड वेतन से उच्च है, तो बैण्ड वेतन अपरिवर्तित रहेगा और सम्बन्धित कार्मिक को पदोन्नति के पद का ग्रेड वेतन देय होगा। यदि ऐसी पदोन्नति में वेतन बैण्ड परिवर्तित होता है और सम्बन्धित कार्मिक का बैण्ड वेतन पदोन्नति के पद के वेतन बैण्ड के न्यूनतम से कम है तो उसका बैण्ड वेतन भी उस वेतन बैण्ड के न्यूनतम के बराबर कर दिया जायेगा।

टिप्पणी- ए०सी०पी० की व्यवस्था विषयक मुख्य शासनादेश दिनांक 05 नवम्बर, 2014 तथा तत्क्रम में निर्गत शासनादेशों में वेतन समिति (2008) के प्रतिवेदन के क्रम में दिनांक 01 जनवरी, 2006 से लागू पुनरीक्षित वेतन संरचना के परिप्रेक्ष्य में प्रयुक्त शब्दावलियों एवं व्यवस्थाओं को दिनांक 01 जनवरी 2016 से लागू पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स के सन्दर्भ में यथावश्यक परिवर्तनों सहित (Mutatis Mutandis) लागू किया जाना चाहिए।