एथनॉल उत्पादन बढ़ाने पर चीनी मिलों और तेल कंपनियों के बीच विचार-विमर्श शुरू।
भारत में चालू सीजन में कुल 300 करोड़ लीटर एथनॉल आपूर्ति का लक्ष्य।
रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध और उससे उपजे हालात से क्रूड (कच्चे तेल) का दाम 118 डालर प्रति बैरल के पार चला गया है। इसे देखते हुए मिले चीनी की जगह एथनॉल उत्पादन को प्राथमिकता देने लगी है। वैश्विक स्तर  पर एथनॉल  का उत्पादन बढ़ने से चीनी आपूर्ति प्रभावित हुई है। इससे ग्लोबल बाजार में चीनी को मांग तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए घरेलू चीनी कंपनियां चीनी निर्यात के सौदा पक्का करने में तत्परता दिखा रही है। दूसरी तरफ ये  कंपनियां एथनॉल उत्पादन पर भी जोर दे रही है। चीनी मिलों और तेल कंपनियों के बीच एथनॉल उत्पादन को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है। ज्ञातव्य है कि एथनॉल  को पेट्रोल में मिश्रित कर उपयोग में लाया जाता है। एथनॉल मिश्रण को उच्च प्राथमिकता देते हुए चीनी उद्योग को कई तरह की सहूलियत भी दी जा रही हैं। पिछले गन्ना वर्ष 2020-21 के दौरान 21 लाख टन चीनी की जगह एथनॉल का उत्पादन किया गया, वही चालू गन्ना वर्ष 2021-22 के दौरान इसके बढ़ाकर 34 लाख टन करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इससे भारत में चालू सीजन में कुल 300 करोड़ लीटर एथनॉल आपूर्ति का लक्ष्य  है।